राजनीति

क्यों है भाजपा जेवर का ब्राह्मण व अन्य जातियां नाराज, और क्यों है गुर्जर नाराज जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह से

कोरोना के चलते नोएडा में मतदान भी नहीं रोक पाई महामारी, धीरेंद्र सिंह व राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर दोनों देखे रहे थे सपने लोकसभा सांसद बनने के?

Raftar Today : जेवर विधानसभा में मतदान संपन्न हो चुका है लेकिन फिर भी बार-बार विधायक धीरेंद्र सिंह के कुछ लोग लगातार ब्राह्मणों को निशाने पर ले रहे हैं पिछले दिनों जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह लडपुरा गांव में राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर के साथ एक सभा को संबोधित कर रहे थे जिसमें सुरेंद्र नागर ने कहा कि यदि आने वाले समय में मुझे सांसद देखना चाहते हो तो धीरेंद्र सिंह को वोट डालें। जबकि भाजपा के एक नेता ने अपना नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि यह दोनों ही अलग-अलग पार्टी से आए हैं।

इसका मतलब सीधे-सीधे सुरेंद्र नागर डॉक्टर महेश शर्मा पर निशाना साध रहे थे । और भाजपा प्रत्याशी धीरेंद्र सिंह मौन समर्थन दे रहे थे। यह वीडियो जब वायरल हुआ तो ब्राह्मण समाज में धीरेंद्र सिंह के विरोध में माहौल बनने लगा । रही सही कसर धीरेंद्र सिंह के साथ रहने वाले कुछ लोगों ने पूरी कर दी जो लगातार ब्राह्मण समाज व सांसद गौतम बुध नगर डॉ महेश शर्मा को निशाने पर ले रहे थे।

गलत भाषा का प्रयोग फेसबुक पर भी कर रहे थे। सुरेंद्र नागर और धीरेंद्र सिंह ने मिलकर ब्राह्मण विरोधी माहौल बना दिया।जबकि दूसरी तरफ गुर्जर सम्राट मिहिर भोज के दादरी प्रकरण में लगातार गुर्जर विरोध बना हुआ था क्योंकि ठाकुर नेता विधायक धीरेंद्र सिंह और राज्यसभा सांसद ने गुर्जर नाम सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा से हटवा दिया था। इसको गुर्जरों ने अपने सम्मान का विषय बना लिया था जहां सम्राट मिहिरभोज को लेकर गुर्जर समाज भाजपा से नाराज था वही सुरेंद्र नागर ने कहा मुझे सांसद देखना चाहते हो तो धीरेंद्र सिंह को वोट डालो बोलकर ब्राह्मण समाज को अपमानित कर दिया था।

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इन सभी कारणों से ब्राह्मण और गुर्जर समाज व अन्य जातियां भी जेवर भाजपा प्रत्याशी का विरोध किया। सबसे बड़ा कारण इस विरोध का धीरेंद्र सिंह का है अहंकार व संगठन के कार्यकर्ताओं की उपेक्षा व अपमान रहा है। यहां तक कि पता लगा है धीरेंद्र सिंह ने गौतम बुध नगर के सांसद डॉ महेश शर्मा से फोन कर अपने प्रचार करने के लिए भी नही कहा

जेवर भाजपा प्रत्याशी धीरेंद्र सिंह लगातार ऐसे कार्य करते रहें है जिससे गौतम बुध नगर के सांसद डॉ महेश शर्मा अपमानित हो । अभी भी मतदान संपन्न होने के बाद भी धीरेंद्र सिंह के समर्थक लगातार ऐसी पोस्ट डाल रहे हैं जो सीधे-सीधे सांसद गौतम बुध नगर को अपमानित कर रहे हैं । इन सब के पीछे धीरेंद्र सिंह और सुरेंद्र नागर का खुला समर्थन है। सुरेंद्र नागर और धीरेंद्र सिंह यहां जातीय तनाव पैदा कर रहे हैं और दोष सांसद गौतम बुध नगर डॉ महेश शर्मा को दे रहे हैं जबकि पहल भाजपा प्रत्याशी धीरेंद्र सिंह ने की थी 2019 के लोकसभा चुनाव में धीरेंद्र सिंह ने पूरे विधानसभा जेवर में डॉ महेश शर्मा को लोक सभा चुनाव हरवाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी।

आखिर क्यों धीरेंद्र सिंह और महेश शर्मा के बीच खाई बनी
दरअसल हुआ ये की 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा के सांसद प्रत्याशी डॉ महेश शर्मा को दनकौर ब्लॉक के मिर्जापुर गांव में वोट मांगना था गाड़ी में 3 लोग सवार थे डॉ महेश शर्मा, विधायक धीरेंद्र सिंह, पूर्व कारागार मंत्री व पूर्व विधायक वेदराम भाटी जैसे ही काफिला मिर्जापुर पहुंचा तो पहले से तैनात कुछ लोगों ने काले झंडे दिखा विरोध शुरू कर दिया। मामला यहां पर भी शांत नहीं हुआ और जानलेवा हमला करने की नियत से गाड़ी पर प्रहार करना शुरू कर दिया अपने विधानसभा क्षेत्र में विधायक धीरेंद्र सिंह गाड़ी में बैठे चुपचाप नजारा देखते रहे इसके बाद रोही गांव में भाजपा प्रत्याशी डॉ महेश शर्मा जी ने सार्वजनिक मंच पर अपने मन की पीड़ा उजागर कर दी देखते ही देखते दोनों लोगों के बीच में तनाव की सीमाएं पार हो गई। और विधायक धीरेंद्र सिंह ने मन बना लिया कि अब डॉ महेश शर्मा जी को हराकर ही चैन की सांस लूंगा उस चुनाव में धीरेंद्र सिंह और उनके समर्थकों ने बसपा के पक्ष में खुला मतदान करने की अपील लोगों से की सच तो यह है कि मामला जातिगत नहीं अहंकार का है और हां अहंकार तो रावण का भी नष्ट हुआ था आने वाले 10 तारीख को अहंकार की परिभाषा जेवर विधानसभा में उजागर होकर रहेगी

राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर ने एक दिन भी दादरी विधानसभा को नहीं दिया बल्कि भाजपा प्रत्याशी तेजपाल नागर को हरवाने में उनके कई समर्थकों का नाम आ रहा है। देखते हैं आने वाले दिनों में गौतम बुध नगर में यह जातीय तनाव किस करवट बैठता है।

कोरोना महामारी के चलते 2017 के पर्सेंट भी छू लिया आंकड़ा

और नोएडा विधानसभा में लोग कह रहे हैं कि कम मतदान हुआ लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि कोरोना के महामारी के चलते पिछले 2017 के चुनाव में कितना वोट पड़ा था। 48% इतना ही वोट अबकी बार पड़ा चुनावी विश्लेषण करता बता रहे है लगभग उसी पर्सेंट में चुनाव हुआ जबकि कोरोना के चलते उम्मीद थी कि कम मतदान होगा इस बार 1 लाख के करीब वोट भी बढ़ गई थी देखना होगा कि कौन किस पर भारी है कौन जीता है चुनाव यूपी नोएडा का

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