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Indrapuram Police News : वकील से अपराधी बनने की खतरनाक कहानी, कोर्ट में जमानत दिलाते-दिलाते बन गया चेन स्नैचर, डेढ़ साल में 24 वारदातों का खुलासा, अपराधियों के लिए जी का जंजाल बन चुके ACP स्वतंत्र देव सिंह ने किया खुलासा

गाजियाबाद, रफ़्तार टुडे। शाहदरा कोर्ट में वकालत करने वाला बलराम, जो एक समय न्याय का रक्षक था, खुद न्याय की सीमा लांघकर अपराध की दुनिया में उतर गया। तेज़ी से अमीर बनने के लालच ने उसे चेन स्नैचिंग जैसे अपराध में धकेल दिया। इंदिरापुरम पुलिस ने बलराम को गिरफ्तार कर लिया है, जो पिछले डेढ़ साल से महिलाओं से गहने लूटने का काम कर रहा था। इस खौफनाक गिरोह के अन्य सदस्य भी पुलिस के शिकंजे में हैं।


अपराध के पीछे का असली चेहरा: क्यों बना वकील अपराधी?

बलराम एक एलएलबी ग्रेजुएट और शाहदरा कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाला वकील, शुरू में एक सामान्य जिंदगी जी रहा था। लेकिन जब वकालत से पर्याप्त आय नहीं हुई, तो उसने जमानत के मामलों के जरिए अपराधियों की जीवनशैली को करीब से देखा। अपराधियों की चमक-धमक और तेज़ी से पैसा कमाने की लालसा ने उसे भी इस रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया।

बलराम ने बताया कि स्नैचर्स की जमानत करवाने के दौरान उसे एहसास हुआ कि लूटपाट में बहुत मुनाफा है। इस लालच ने उसे अपराधी बना दिया। डेढ़ साल में बलराम ने अपने साथी शशि के साथ मिलकर 24 से अधिक चेन स्नैचिंग की वारदातों को अंजाम दिया।


पुलिस ने कैसे सुलझाई गुत्थी?

इंदिरापुरम पुलिस ने क्षेत्र में बढ़ती चेन स्नैचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू किए। फुटेज से पता चला कि स्नैचर्स केटीएम बाइक का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके बाद पुलिस ने कांवड़ मार्ग पर चेकिंग अभियान चलाया और एक संदिग्ध केटीएम बाइक सवार को पकड़ा। पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि आरोपी बलराम और उसका साथी शशि, दोनों इस गिरोह का हिस्सा हैं।

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गिरोह का काम करने का तरीका

बलराम और शशि का गिरोह बेहद संगठित तरीके से काम करता था। वे महिलाओं को सॉफ्ट टारगेट मानते थे और बैंक्विट हॉल, फार्महाउस जैसी जगहों पर शादियों के दौरान अकेली महिलाओं को निशाना बनाते थे।

बलराम: बाइक पर पीछे बैठता था और चेन छीनने का काम करता था।

शशि: बाइक चलाने का काम करता था।

नंबर प्लेट हटाना: वारदात के दौरान बाइक की नंबर प्लेट हटा दी जाती थी ताकि पहचान न हो।

लूट का माल: लूटी गई चेन और गहनों को दिल्ली बॉर्डर पर जूलर रवि सोनी को बेच दिया जाता था।

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लूट के पैसे से आलीशान जिंदगी जीता था बलराम

बलराम ने लूट के पैसों से अपने जीवन को राजसी बना लिया था। उसने केटीएम बाइक खरीदी और हाल ही में थार कार बुक कराई। उसके फोन से कई लड़कियों के नंबर मिले हैं। वह अपनी गर्लफ्रेंड्स को महंगे गिफ्ट देने के लिए कुख्यात था। पुलिस को शक है कि बलराम की हाई-प्रोफाइल लाइफस्टाइल ने उसे और अपराधों की ओर प्रेरित किया।


पुलिस की बड़ी कार्रवाई और आगे की योजना

एसीपी स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि बलराम और उसके साथियों से पूछताछ में कई और वारदातों का खुलासा हो सकता है। पुलिस ने इस गिरोह के अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार कर लिया है और उनके खिलाफ कई धाराओं में मामले दर्ज किए जा रहे हैं।

बलराम का गिरोह महिलाओं की चेन लूटने के लिए नए-नए तरीके अपनाता था। पुलिस का कहना है कि इन अपराधियों को पकड़कर क्षेत्र में सुरक्षा का माहौल बनाया जाएगा।


क्या सिखाती है यह घटना?

यह घटना एक चेतावनी है कि लालच और तेज़ी से अमीर बनने की चाहत इंसान को कहां तक गिरा सकती है। एक वकील, जो अपराधियों को सजा दिलाने के लिए जाना जाता है, खुद अपराधी बन गया। यह समाज के लिए भी एक सबक है कि अपराध कभी भी स्थायी समाधान नहीं हो सकता।


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